आज का यह निबंध बाढ़ पर निबंध हिंदी में (Essay on Flood in Hindi) पर दिया गया हैं। आप इस निबंध को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 5th, 6th, 7th, 8th, 9th, 10th और 12th के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं। विद्यार्थी परीक्षा और प्रतियोगिताओं के लिए इस निबंध से मदद ले सकते हैं।
Essay on Flood in Hindi
अधिक वर्षा का पानी बाढ़ का कारण बनता है। यह पहाड़ों एवं समतल भूमि पर गिरता है। नदियों की सतह नीची होती है। इसलिए वर्षा का पानी उनमें बह जाता है। जब नदियाँ अधिक पानी को नियंत्रित करने में असफल हो जाती हैं, तब पानी उनके किनारों से ऊपर उठकर बहने लगता है । यह घटना बाढ़ कहलाती है। कभी-कभी पहाड़ों पर बर्फ का पिघलना भी बाढ़ का कारण बनता है। यह नदियों के जल-स्तर को बढ़ा देता है। सदियों के पानी को बाँध के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। कभी-कभी उनमें दरारें उत्पन्न हो जाती हैं और बाढ़ आ जाती है।
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कभी-कभी तो बाढ़ अचानक ही आ जाती है। यह लोगों को अपना सामान बचाने का अवसर ही नहीं देती है। यह रात में अचानक प्रेत की तरह आ जाती है और लोगों के सामानों को बहाकर ले जाती है। यह लोगों के लिए दु:ख और तबाही लेकर आती है। पलक झपकते लोग बेसहारा हो जाते हैं। बहुत-से पुरुष, स्त्री बच्चे एवं मवेशी बाढ़ में दह जाते हैं। खेतों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं। मानव एवं मवेशी के मृतशरीर पर्यावरण को प्रदूषित कर देते हैं, जो महामारी का कारण बनता है। यातायात एवं अन्य स्रोत विनष्ट हो जाते हैं। लोग पूरी तरह से निराधार एवं बेसहारा हो जाते हैं।
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परिस्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार बहुत-से उपाय करती है। अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन दोनों ही तरह की सहायताएँ उपलब्ध करायी जाती हैं। अल्पकालीन सहायता के तहत लोगों को भोजन, वस्त्र, औषधि आदि पहुँचाये जाते हैं। निजी संस्थाएँ भी प्रभावित लोगों को सहायता देती हैं। सामाजिक कार्यकर्ता, धार्मिक लोग और अन्य सभी वर्गों के संवेदनशील लोग भोजन, पैसा और वस्त्र इकट्ठा करके बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाते हैं। दीर्घकालीन सहायता में सरकार बीज बँटवाती है। लगान मुक्त करती है, कृण उपलब्ध कराने के साथ-साथ अन्य सहायताएँ भी शीघ्र उपलब्ध करायी जाती हैं।
कुछ आवश्यक कदम उठाकर बार-बार बाढ़ के आने को रोका जा सकता है। नाला बनाकर, नदियों के किनारों को ऊँचा उठाकर और मजबूत बाँध बनाकर इन्हें रोका जा सकता है। सरकार सुरक्षा का उपाय करती है। लेकिन, सुरक्षा के उपाय हेतु अधिक पैसों की आवश्यकता होती है। इसलिए, इस कार्य हेतु एक मजबूत कोष की व्यवस्था करनी होगी।