रहने दे एक मुलाकात अधूरा यू ही,
सुना है उधार वालो को लोग भुलाया नहीं करते…।।
जागना भी कबूल है तेरी यादो में रात भर,
तेरे एहसासों में जो मज़ा है वो नींद में कहा!!
हुआ सवेरा तो हम उनके नाम तक भूल गए
जो बुझ गए रात में चरागों की लौ बढ़ाते हुए।
ये एहतराम-ए-तमन्ना ये एहतियात-ए-जुनून के
तेरा जिक्र भी करू, और तेरा नाम भी न लु।।
जब कभी टूट कर बिखरो तो बताना हमको,
हम तुम्हें रेत के जर्रों से भी चुन सकते हैं.
शानदार रिश्ते चाहिए तो उन्हें गहराई से निभाइये..
लाजवाब मोती” कभी किनारों पे नही मिलते🙂
हम इश्क और मोहब्बत के फरिश्ते है !
अनजानों से भी हमारे अच्छे अच्छे रिश्ते है !!
आपका साया भी पड़ जाए तो रूह जी उठती है…
सोचिए खुद आपके आ जाने से मंजर क्या होगा…?
या तो दीवाना हँसे,,,,,या तू जिसे तौफ़ीक़ दे
वर्ना इस दुनिया में आ कर मुस्कुराता कौन है.
उसे बताना था तेरे बगैर भी खुश हूँ
उसे दिखाना पड़ा एक दिन संवर के मुझे☺️😁
तुम्हारे चांद से चहरे पे गम अच्छे नहीं लगते
हमें कह दो चले जाओ अगर हम अच्छे नहीं लगते.
शायरी के लिए कुछ खास नहीं चाहिए,
एक यार चाहिए वो भी दगाबाज चाहिए..।।
जागना भी कबूल है तेरी यादो में रात भर,
तेरे एहसासों में जो मज़ा है वो नींद में कहा!!😍
आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते
पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ.
तू रहना बेख़बर मेरे एहसासों से,
फिर भी सारी उमर शिद्दत से चाहेंगे तुझे…
साँस भी लेनी नहीं है और मरना भी नहीं है…!!
इश्क़ होता भी है हमको और करना भी नहीं है…!!!!
ख्वाइशें आदमी को जीने नहीं देती,
और आदमी ख्वाइशों को मरने नही देता।
तुम्हारे पास ही तो हूँ, ज़रा ख्याल करके देखो..
आँखों की जगह दिल का इस्तेमाल करके देखो…
तुम मेरे लिए बहुत अज़ीज थे दोस्त मेरे
तुम ही हमे नहीं समझ सके अफोसोस है.
खामोशियाँ कभी भी बेवजह नहीं होती,
कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं जो आवाज़ छीन लेते हैं।।।
कितनी कातिल है ये आरज़ू जिंदगी की,
मर जाते हैं किसी पर लोग, जीने के लिए ।
हमने तो नफरतों से ही सुर्खियाँ बटोर ली जनाब…
सोचो अगर महोब्बत कर लेते तो क्या होता,,,!
तेरी मोहब्बत में कुछ इस तरह जीता रहा,
तुझे चाय पसंद थी और मैं पीता रहा..!!
आखिरी मुलाकात” के लिए बुलाया था उसने मुझे.
मैंने ना जाकर वो “आखिरी मुलाकात” बचा रखी है..
छतरियाँ हटा के मिलिए इनसे,
ये जो बूँदें हैं…बहुत दूर से आईं हैं__!!
सुरज से कह दो तुम्हारी कुर्सी खतरे में है।
आज बादलों को गठबन्धन करते हुए देखा है_!!
जिंदगी के फलसफे भी बडे अजीब हैं…
बसें हैं जो दिल में हमारे,वो किसी ओर के करीब हैं।
हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर,
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी.
वो भी जिन्दा है ,मैं भी जिन्दा हूँ ,
क़त्ल सिर्फ इश्क़ का हुआ है…..
आपका साया भी पड़ जाए तो रूह जी उठती है…
सोचिए खुद आपके आ जाने से मंजर क्या होगा…?
जो हैरान है मेरे सब्र पर उनसे कह दो,
जो आंसू जमीन पर नहीं गिरते दिल चीर जाते है!!
तुम ही आकर थाम लो ना मुझे,
सब ने छोड़ दिया है मुझे तेरा समझ कर..!!
अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आँसू,
अभी छेड़ी कहाँ है दास्तान-ए-ज़िंदगी मैंने। 💔
कांच की तरह होता है यकीन, !!!
गलत जगह रखोगे तो टूट ही जायेगा__!!
दो शब्द तसल्ली के नहीं मिलते इस शहर में,
लोग दिल में भी दिमाग लिए फिरते हैं।🙂
ये सारे पत्थर, मेरे तरफ ही क्यों दुनिया वालों,
मैं अपनी लैला का इकलौता मजनू ही थोड़े हूं।
किसी ने एक सवाल पूछ कर रुला दिया
तुम दोनो यार कबसे बात नहीं करते.
इश्क़ में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था,
काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।
दौड़ में दौलत की तुम्हें जो भी मुक़ाम मिल जाये,
नाम बदल देना मेरा जो इत्मिनान मिल जाये।🙂
अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक्सर,
न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है।
किसी को नींद आती है मगर ख्वाबों से नफरत है,
किसी को ख्वाब प्यारे हैं मगर वो सो नहीं पाता।
प्यार ना सही पर कुछ तो था तेरे मेरे दरमियान,
जो तेरे जाने के बाद जिंदगी यूं तन्हा सी हो गई है।