Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari | ज़िंदगी पर शायरी हिंदी में

Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari इन शायरियों को पढ़कर आपके दिल को सुकून मिलेगा और आपके मन में जो ख्याल आ रहे हैं वह सारा ख्याल खत्म हो जाएंगे इसीलिए मैं चाहती हूं कि आप इन शायरियों को अपने दिल से पढ़े और अपने मन को हल्का करें।

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Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari

अकेलेपन की इस मन्ज़िल पे तो मैं अकेला ही हूँ,
जिंदगी का कोई साथी नहीं है मेरा,
कभी किसी से नहीं मिलती है ख़ुशियाँ,
बस ये दर्द और बेचैनी रह जाती है हमेशा।

 

तन्हाई के अंधेरे में कोई रोशनी नहीं,
हर ख़ुशी में दर्द की एक तस्वीर है,
दिल के जख्म दिखाने की क्या ज़रूरत,
हर आहट में दर्द की गहराई है।

 

अकेलापन का एहसास दिल को सताता है,
हर पल तेरे साथ का सपना गवाता है,
तेरी यादों से जिस्म तड़पता है,
दर्द भरी ज़िन्दगी का यही नाता है।

 

यू हादसे तो बहुत है मेरी जिंदगी के साथ ,
लेकिन जो कल हुआ था वो मंजर बला का था,
तुम भी भुला दो तरके ताल्लुक का वाक़या,
मैं भी ये सोच लूँगा कि झोंका हवा का था।

 

बड़ा मुश्किल सबक है कब किसी को याद होता है ,
ताल्लुक जो निभाता है वही बर्बाद होता है,
और सियासत में शराफत ढूढ़ने वाले भी पागल है ,
ये कब्रिस्तान है इसमें कोई आबाद होता है ।

 

आँधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँ;
तू नवाज़े तो जुगनू से सितारा हो जाऊँ;
एक बून्द हूँ मुझे ऐसी फितरत दे मेरे मालिक;
कोई प्यासा दिखे तो दरिया हो जाऊँ।

 

कोई भी इसे समझने की कोशिश नहीं करता,
जो महसूस करता है उसे कोई बताता नहीं है,
हर कोई अपनी खुशियों में मग्न होता है,
पर इस दर्द की खुशी में कोई नहीं शामिल होता है।

 

हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे,
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे,
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया,
हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे !!

 

ज़िंदगी तो एक सफ़र है यही हमेशा सुना है,
पर अकेलेपन का रास्ता इसमें बहुत कठिन है,
जो भी इस दर्द से गुजरता है वो जानता है,
कि अकेलेपन ज़िन्दगी का सबसे बड़ा दर्द है।

 

तन्हाई के अंधेरे में कोई रोशनी नहीं,
हर ख़ुशी में दर्द की एक तस्वीर है,
दिल के जख्म दिखाने की क्या ज़रूरत,
हर आहट में दर्द की गहराई है।

 

कहाँ रखूँ तुम्हारे फरेबी दिल के खज़ाने को
कि मेरे घर में कोई अलमारी नहीं है
साथ देते है खुशियों से गमो की मुसीबत तक
हाथ पकड़कर फिर छोड़ने की बीमारी नहीं है।

 

Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari

अकेलापन का एहसास दिल को सताता है,
हर पल तेरे साथ का सपना गवाता है,
तेरी यादों से जिस्म तड़पता है,
दर्द भरी ज़िंदगी का यही नाता है।

 

हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम,
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम,
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला,
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम !!

 

अकेलापन का एहसास दिल को सताता है,
हर पल तेरे साथ का सपना गवाता है,
तेरी यादों से जिस्म तड़पता है,
दर्द भरी ज़िन्दगी का यही नाता है।

 

एक दौर रहा है गमगीन जिंदगी का गहरा,
अब सब भुलाकर उनकी याद में मुस्कुराना पड़ेगा,
मैं जिंदा रहूंगी तो सिर्फ उनके साथ रहूंगी
वरना जिंदा रहकर भी मौत का राज छुपाना पड़ेगा ।

 

तन्हाई के अंधेरे में कोई रोशनी नहीं,
हर ख़ुशी में दर्द की एक तस्वीर है,
दिल के ज़ख़्म दिखाने की क्या ज़रूरत,
हर आहट में दर्द की गहराई है।

 

जान दे सकता है क्या साथ निभाने के लिए,
हौसला है तो बढा़ हाथ मिलाने के लिए,
मैंने दीवार पर क्या लिख दिया खुद को एक दिन ,
तो बारिशे होने लगी मुझको मिटाने के लिए।

 

तेरे अकेलापन का दर्द जानते हैं हम,
तुझे साथ देने के लिए तैयार हम हैं।
कुछ लम्हे तो बीत जाएंगे, साथ हमारा जोड़ दे,
खुदा तेरे साथ हमेशा हो, ये हमारी दुआ है।

 

मैं चाहता हूँ सुबुक-गाम इतमिनान से आये
तेरी खबर भी गुलाबो के दरमियान से आये
मैं जब भी जागूँ तो जागूँ तेरे हवाले से
कि सवेरा आये तो होकर तेरे मकान से आये.

 

मुसाफिरो का कोई ऐतबार मत करना
जहाँ कहा था वहाँ इंतज़ार मत करना
और मैं नींद हूँ मेरी हद है तुम्हारी पलकों तक
बदन जलाकर मेरा इंतज़ार मत करना।

 

जब तन्हा हो तू और दिल उदास हो,
जब रात बैठे और खुशियों की धुंध हो,
तो याद कर लेना मुझे एक बार,
खुदा तेरे साथ हमेशा हो।

 

हमारे दिल पर क्या गुज़री है तुम्हे बताये क्या
भरोसा तो टूट गया हम भी टूट जाये क्या
हमारे चेहरे पर तुम दागों की तोहमत लगाते हो
हमारे पास भी है आयना तुम्हे दिखाये क्या.

 

Zindagi Dard Bhari Shayari

कहाँ रखूँ तुम्हारे फरेबी दिल के खज़ाने को
कि मेरे घर में कोई अलमारी नहीं है
साथ देते है खुशियों से गमो की मुसीबत तक
हाथ पकड़कर फिर छोड़ने की बीमारी नहीं है.

 

चाँद ज़ब भी मेरे घर के ऊपर नज़र आता है
ना जाने क्यों मुझे तेरा ख्याल आता है
और मैं ज़ब भी देखता हूँ आयने मे
तो उसमे तेरा मासूम चेहरा नज़र आता है.

 

तुमने तो कह दिया की मोहब्बत नहीं मिली,
मुझको तो ये भी कहने की मोहलत नहीं मिली,
तुमको तो खैर शहर के लोगो का खौफ था,
और मुझको अपने घर से इज़ाज़त नहीं मिली ।

 

तन्हाई के अंधेरे में कोई रौशनी नहीं,
हर ख़ुशी में दर्द की एक तस्वीर है,
दिल के ज़ख़्म दिखाने की क्या ज़रूरत,
हर आहट में दर्द की गहराई है।

 

चला था गलत राह पर मगर फिर लौट आया
तुम आये जिंदगी में तो उजाला लौट आया
और बुला रही थी मुझे खुशियाँ ज़माने की तेरी
याद के आ जाने से मैं रास्ते से लौट आया।

 

वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते,
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,
मर गए पर खुली रखी आँखें,
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते !!