आज का निबंध त्योहारों का महत्व पर निबंध (Essay on Festivals in Hindi) पर दिया गया हैं आप इस निबंध को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध किसी भी कक्षा के छात्र के लिए परफेक्ट होगा,आप इस लेख को SSC, UPSC के परीक्षा के लिए प्रयोग में ला सकते है।
Essay on Festivals in Hindi
भूमिका – मानव समाज में कटुता बहुत तेजी से बढ़ी है। लोग मतलबी होते जा रहे हैं। ऑफिस से घर और घर के अन्दर ताले में बन्द हो जाते हैं। यह कोई जिन्दगी जीना नहीं है, अपने को मशीन बना लेना है-“यंत्र मानव” दिशाहीन व्यस्तता मनुष्य को अपने वास्तविक आनंद तथा सुखं से दूर ले जाता है। अतः हमें निराश जीवन से मुक्ति हेतु सार्वजनिक जीवन में आना पड़ेगा और उसका सबसे बड़ा माध्यम ‘त्योहार’।
त्योहार संस्कृति का मूल्य धरोहर – त्योहार को हम मुख्य रूप से तीन भाग में बाँट सकते हैं। धार्मिक त्योहार जिसे हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख और पारसी अपने-अपने ढंग से मनाते और वे सामाजिक त्योहार भी मनाते हैं। जिसमें उनकी सांस्कृतिक झलक दिखलाई पड़ती है। रथयात्रा, होली, रक्षा बन्धन, दशहरा, जन्माष्टमी, नागपंचमी, छठ, गोधन पूजन, ईद-बकरीद, मुहर्रम, सबेबरात, क्रिसमस, ओणम, वैशाखी, पोंगल, गणेश चतुर्थी, कार्तिक पूर्णिमा (गंगास्नान), गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, अंबेडकर जयंती, गाँधी जयंती, गुरुनानक, कबीर, तुलसी, रैदास, गुरुपूर्णिमा आदि अनेक त्योहार हमारे देश में मनाये जाते हैं। इससे मानवता का विकास होता है, समाज उन्नत होता है। सार्वजनिक जीवन आनन्दपूर्ण जीने की प्रेरणा देता है।
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लाभ – परस्पर एकता, प्रेम, सेवा, एकरसता, एकात्मकता, त्याग एकरूपता, सेवादर्श आदि में त्योहारों का महत्त्व है। त्योहारों के मनाने से सम्पूर्ण मानव समाज को धार्मिक, सामाजिक, राष्ट्रीयता के साथ सुख-समृद्ध और विकास की प्रेरणा मिलती है। इस प्रकार, त्योहार मानव समाज के लिए प्राण है जो बन्धुत्व की भावना बढ़ाता है।
आज के जीवन में त्योहार – आज हमारा जीवन भागम-भाग और व्याकुलता भरा है। जीवन के आपाधापी में हम वास्तविक आनन्द से दूर, दु:ख, अशांति तथा असंतोष की ओर बढ़ते जा रहे हैं। परस्पर अविश्वास फैल रहा है। इसलिए त्योहारों का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक-सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यन्त अधिक है। यह उदासी रूपी कड़वाहट को दूर कर प्रसन्नता रूपी पीयूष पिलाता है।
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उपसंहार – हमारे देश में एकता में विविधता और विविधता में एकता है। सभी समुदाय, सम्प्रदाय, जाति, धर्म, वर्ग-वर्ण के लोग कोई न कोई त्योहार अवश्य मनाते हैं। इस देश को तो त्योहारों का देश भी कहा जाता है। अतः कहा जा सकता है कि हमारे देश के त्योहार विशुद्ध प्रेम, बन्धुत्व तथा सद्भावना को बल प्रदान करता है।