Prem Shayari in Hindi | 200+ बेहतरीन प्रेम मोहब्बत शायरी

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Prem Shayari in Hindi

बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो,
मंजिल को पाने की कसक रहने दो,
आप चाहे रहो नज़रों से दूर,
पर मेरी आँखों में अपनी एक झलक रहने दो।

 

उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है।

 

एक शमा अंधेरे में जलाए रखना,
सुबह होने को है माहौल बनाए रखना,
कौन जाने वो किस गली से गुज़रें,
हर गली को फूलों से सजाए रखना।

 

बन के फरहाद कभी मजनू लैला के लिए
प्यार की गलियों में गुज़रता है मोहब्बत के लिए

करना इज़हार कभी दिल की सदा भी सुन ले
दिल ना आवारा बना सिर्फ चाहत के लिए.।

 

तेरे साथ की क्या जरूरत है
हम तो तेरी आवाज से ही खुश हो जाते है,
साथ उन्हे चाहिये जो अधुरे हो
हम तो तेरी आहट से ही पुरे हो जाते है।

 

Prem Shayari in Hindi

तुम्हारे होठो की हँसी को दिल में सज़ा लेगें
तुम्हारे वादों को हम पलको पर सज़ा लेंगे
और तुम आयने में एक बार देखो तो सही
तुम्हारे चेहरे को हम अपना बना लेंगे।

 

दर्द में कोई मौसम प्यारा नहीं होता,
दिल हो प्यासा तो पानी से गुजारा नहीं होता,
कोई देखे तो हमारी बेबसी,
हम सबके हो जाते पर कोई हमारा नहीं होता।

 

ज़िंदगी तुझ बिन उलफत सी लगती है,
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है,
पहले नही पर अब सोचते है हम,
हर लम्हा तेरी ज़रूरत सी लगती है।

 

मोहब्बत की स्याही से हम एक पैगाम लिखेंगे
अपनी पाक़ीज़ा चाहत का हम इज़हार करेंगे
जमाने मे सब आई लव यू बोलते है मगर
हम आँखों-आँखों मे ही उनसे इज़हार करेंगे।

 

हयात आफ़री सब कोशिशे तनाव में थी ,
सफर तवील था मज़बूरियाँ भी नाव में थी ,
समन्दरों के गज़ब से निबाह क्या करता,
जहाज डूब गया बादशाह क्या करता ।

 

Prem Shayari in Hindi

जिंदगी में अक्सर कुछ लोग ऐसे भी मिल जाते है,
जिनको बस चाहा जा सकता है, पाया नही,
क्योंकि वो किसी और की किस्मत में होते है।

 

देखे कितने चाहने वाले निकलेंगे ,
अबके हम भी भेष बदल कर निकलेंगे ,
चाहे जितना शहद पीला दो शाखों को,
नीम के पत्ते फिर भी कड़वे निकलेंगे।

 

खिलते हुए आफ़ताब की एक सुबह हो तुम,
मानो या ना मानो मेरी मांगी हुई दुआ हो तुम,
जिसमे मैं रोज़ देखता हूँ अपनी हयात को,
ऐसा एक खूबसूरत सा आयना हो तुम।

 

होठों पर सजी झूठी शान जान जायेगा
तुम्हारे दिल की नापाक हाल जान जायेगा
और हमसे उलझने की तू कोशिश ना कर
वरना ज़माना तुम्हारी औकात जान जायेगा।

 

हर लम्हा तेरे ख्यालो में खोये रहते है
दूर जाकर भी हम तेरे करीब ही रहते है
तुम क्या जानो मेरी चाहत की सदाकत कों
हर दुआओं में हम खुदा से तुमको ही
मांगते रहते है।

 

Prem Shayari in Hindi

तुम्हारे अक़्स से भी मैं तुम्हे पहचान जाऊँगा
तुम्हारे खामोश लफ्ज़ो की बाते भी मैं जान जाऊँगा
अगर हो तुमको बेवफाई का डर तो बता दो मुझको
तुम्हारे वास्ते मैं ज़माने कों भी भूल जाऊँगा।

 

जमाना मुझपर अगर ऐतबार कर लेता,
मैं आसुओं का समंदर भी पार कर लेता,
बस एक लम्हे में दुनिया बदलने वाली थी,

अगर वो मेरा जरा सा इंतजार कर लेता ,
और तुम्हारे शहर में अगर एक दुकान मिल जाती ,
तो मैं खुशबुओं का वहाँ कारोबार कर लेता।।

 

फिर चुपके से याद आ गया कोई
मेरी आखों को फिर रुला गया कोई
कैसे उसका शुक्रिया अदा करें
मुझ नाचीज को शायर बना गया कोई.

 

ना शर्माओ की सर पर आपके आँचल सुहाना है
बुरी नज़रों से ऐ बहनो हमें खुद को बचाना है
शिकस्ता दिल ना समझो तुम मोहब्बत के दीवानों को
मोहब्बत के फ़साने को हमें आगे बढ़ाना है।

 

हम अपनी पाक मोहब्बत का इज़हार करेंगे
भरोसा है तो हम आपका इंतज़ार करेंगे
सज़ायेंगे घर को हम उल्फत के चरागो से
और नापाक उज़ालो से हम इनकार करेंगे।

 

Prem Shayari in Hindi

कहाँ-कहाँ तलाश करूँ किधर-किधर आवाज़ दूँ
तुम इस तरह मुझे अकेला क्यों छोड़ गए हो यार
और उनकी याद में बिन मौसम ही बरस पड़ते हो
अरे आँसुओ तुम किस कदर रुलाते हो यार।

 

तुम्हारी यादों को इस दिल में अब बसाना है
किया जो वादा है ओ मर के भी निभाना है

तेरी नज़र मिली और दिल से दिल मिला जब से
हमारी पलकों में ख्वाबों में का आशियाना है
ना हो वतन में कोई भेद भाव ना झगड़ा

हमें मोहब्बतों का ऐसा दिया जलाना है।

 

मैं चाहता हूँ कि वो दिल की गहराई में उतर जाये
ताकि उनको मेरी चाहत का एहसास हो जाये
और वो हरे जंगल में ढूंढ रहे मोहब्बत के पत्तो को
फरेबी पेड़ो पर कही उनको ऐतबार ना हो जाये।

 

पत्थर भी धड़कते है अगर दर्द हो जिन्दा,
दुनिया को मगर दर्द की पहचान कहाँ है,
तुम प्यार का अमृत मेरे हिस्से का भी पी लो,
मैं ज़हर भी पी जाऊँ तो नुकसान कहाँ है ।

 

आँसुओ के बादल से आज तेज़ बरसात हो गई
जिस बात का डर था आज वही बात हो गई
तुमने तो कहा था कि हम पाबंदे वफ़ा है
फिर अचानक बेवफा से तुम्हारी मुलाक़ात कैसे हो गई

 

Prem Shayari in Hindi

तू है खफा तो दर्द की शिद्दत का क्या हुआ ,
मैं सोचता हूँ तेरी मोहब्बत को क्या हुआ ,
छूता नहीं कलम तो खुद कहती है ये ग़ज़ल,
खामोश क्यों है तेरी तबियत को क्या हुआ।

 

उनकी मोहब्बत के क्या कहने साहेब,
मैं आँचल फैलाये मौत के इंतेज़ार में बैठी थी,
और वो बेवफ़ा मेरी लंबी उम्र की दुआ मांग रहे था ।

 

गमों की महफ़िलो में मुस्कुराने लग गए है हम तुम्हारी
याद को दिल से भुलाने लग गए है हम
तुम्हारा गम सलामत हो मेरे गम की दवा तुम हो
तुम्हारी याद में आंसू बहाने लग गए है हम।